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उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान योजना

उत्तराखंड भाषा संस्थान (UBS) द्वारा उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान योजना के अंतर्गत राज्य के साहित्यकारों से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए हैं। राज्य के सभी साहित्यकार / साहित्यिक संस्थाएं / प्रबुद्धजन जिन्होंने हिन्दी, उर्दू, पंजाबी एवं लोक भाषाओं व बोलियों में उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया है, वे वर्ष 2025 के उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान हेतु 03 दिसम्बर तक आवेदन कर सकते हैं।

उत्तराखंड साहित्य गौरव पुरस्कार (विस्तृत)

उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदत्त यह साहित्य गौरव सम्मान वर्तमान में उत्तराखंड साहित्य भूषण, उत्तराखंड दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्यिक सृजन, उत्तराखंड मौलिक पुस्तक लेखन एवं साहित्यिक पत्र-पत्रिका लेखन, अनूदित कृति तथा उत्तराखंड नवोदित साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी पुरस्कारों/सम्मानों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।

उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान

उत्तराखंड के उन लेखकों को उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान प्रदान किया जाना प्रस्तावित है, जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक / आजीवन योगदान एवं सेवा प्रदान की है, तथा जिन्होंने विभिन्न विधाओं / विषयों में उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया है।

उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान के लिए मानदंड इस प्रकार हैं:-

1. उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान की प्रविष्टियों हेतु, लेखक या संस्तुतिकर्ता को निर्धारित आवेदन पत्र / संस्तुति पत्र पर समस्त जानकारी भरकर, पाँच सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें, प्रत्येक पुस्तक की चार प्रतियाँ, प्रस्तुत करनी होंगी।

इसके अतिरिक्त, लेखक की जीवनी, जिसमें उनके साहित्यिक सृजन और सेवा का विस्तृत विवरण, देश-विदेश की विभिन्न साहित्यिक समितियों में सदस्यता का उल्लेख, विभिन्न पुरस्कारों से विभूषण, प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित आलेखों का विवरण, प्रकाशित पुस्तकों की सूची, देश-प्रदेश में साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान, और यदि लेखक की पुस्तकें विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही हों, का विवरण होना आवश्यक है।

2. 60 वर्ष से अधिक आयु के जीवित लेखक उपरोक्त पुरस्कार के लिए पात्र हैं।

See also: Nanda Gaura Yojana – ऑनलाइन आवेदन पत्र, तिथि और अन्य विवरण

उत्तराखंड दीर्घकालिक उत्कृष्ट साहित्य सृजन पुरस्कार

यह पुरस्कार हिंदी, उर्दू, पंजाबी, कुमाउंनी, गढ़वाली और उत्तराखंड की अन्य बोलियों व उप-बोलियों में दीर्घकालिक उत्कृष्ट साहित्यिक सृजन और सतत साहित्यिक सेवा के लिए दिया जाएगा। दीर्घकालिक उत्कृष्ट साहित्य सृजन पुरस्कार हेतु प्रविष्टियाँ प्राप्त करने के लिए, लेखक / संस्तुतिकर्ता को अपनी तीन सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें संस्थान को प्रस्तुत करनी होंगी, प्रत्येक पुस्तक की चार प्रतियाँ आवश्यक हैं। विषयवार पुरस्कार विवरण इस प्रकार है:-

उत्तराखण्ड दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन पुरस्कार

हिन्दी साहित्य – सुमित्रा नन्दन पंत पुरस्कार
कुमाउंनी बोली भाषा – गुमानी पंत पुरस्कार
गढ़वाली बोली भाषा – भजन सिंह ‘सिंह’ पुरस्कार
अन्य बोली भाषा – गोविन्द चातक पुरस्कार
उर्दू भाषा – प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार
पंजाबी भाषा – अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार

उत्तराखण्ड साहित्य नारी वंदन सम्मान

हिन्दी भाषा – गौरा पन्त ‘शिवानी’ पुरस्कार

बाल साहित्य लेखन सम्मान

हिन्दी एवं लोक भाषा – मंगलेश डबराल पुरस्कार

उत्तराखण्ड मौलिक पुस्तक लेखन एवं साहित्यिक पत्र-पत्रिका लेखन पुरस्कार

विषय / विधा वार पुरस्कार विवरण इस प्रकार है:-

हिन्दी

महादेवी वर्मा पुरस्कार – महाकाव्य / खण्डकाव्य / काव्य रचना
शैलेश मटियानी पुरस्कार – कथा साहित्य
डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार – अन्य गद्य विधाऐं

कुमाउंनी

बहादुर बोरा पुरस्कार – समस्त गद्य विधाऐं
शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ पुरस्कार – समस्त पद्य विधाऐं

गढ़वाली

भवानीदत्त थपलियाल पुरस्कार – समस्त गद्य विधाऐं
कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार – समस्त पद्य विधाऐं

पत्र/पत्रिकाएं (हिन्दी / लोक भाषा)

भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार – साहित्य में मासिक / द्वैमासिक / त्रैमासिक पत्रिकाओं पर

उत्तराखण्ड मौलिक पुस्तक लेखन एवं साहित्यिक पत्र-पत्रिका लेखन पुरस्कार के लिए मानदंड इस प्रकार हैं:-

1. केवल मौलिक / प्रकाशित / पुस्तक-स्वरूप में रचित रचनाएँ ही पुरस्कार के लिए पात्र मानी जाएँगी। अनुवादित रचनाएँ (अनुवादित साहित्य विधाओं को छोड़कर) और विश्वविद्यालय या अन्य परीक्षा की उपाधि के लिए तैयार की गई पुस्तकें / निबंध या शोध कार्य पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे।

2. मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार में प्रवेश के लिए प्रत्येक पुस्तक की चार प्रतियाँ आवश्यक होंगी।

3. उत्तराखंड मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार के अंतर्गत उपरोक्त पुरस्कार, पुरस्कार वर्ष से पूर्व के तीन वर्षों में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति, मौलिक पुस्तक लेखन के लिए प्रदान किये जायेंगे। उदाहरण के लिए, 2025 के पुरस्कार चयन हेतु, केवल जनवरी 2022 और दिसंबर 2024 के बीच प्रकाशित पुस्तकों पर ही विचार किया जाएगा।

4. विभिन्न भागों में विभाजित किसी कृति के अपूर्ण खंड पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे। सभी भाग उसी वर्ष प्रकाशित होने चाहिए।

5. पुरस्कृत पुस्तक के कॉपीराइट अधिकार लेखक के पास रहेंगे।

6. किसी लेखक को किसी निश्चित विधा में केवल एक बार ही पुरस्कार दिया जाएगा।

7. ऐसी कृति जिसे पहले उत्तराखंड या अन्य राज्यों से पुरस्कार प्राप्त हो चुका हो, या उत्तराखंड भाषा संस्थान से दीर्घकालिक उत्कृष्ट साहित्यिक सृजन हेतु पुरस्कार या कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त हो चुका हो, उसे पुरस्कार के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

8. यदि पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक के एक से अधिक लेखक हों, तो पुरस्कार राशि उनके बीच बराबर-बराबर बाँटी जाएगी।

9. पुरस्कार के लिए प्रस्तुत पुस्तक का पाठ कम से कम 60 पृष्ठों का होना चाहिए।

10. पत्रिका विधा में, किसी विशेष वर्ष में प्रकाशित प्रत्येक अंक की चार प्रतियाँ आवश्यक होंगी। किसी भी पत्रिका को एक से अधिक बार पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। पुरस्कार राशि सीधे पत्रिका को दी जाएगी।

अनूदित कृति पुरस्कार

उत्तराखंड के उन लेखकों को सर्वश्रेष्ठ अनुवाद हेतु गंगा प्रसाद विमल पुरस्कार प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं और लोक भाषाओं में लिखी गई श्रेष्ठ कृतियों का हिंदी में अनुवाद किया हो।

अनूदित कृति पुरस्कार के लिए मानदंड इस प्रकार हैं:-

1. अनूदित कृति के लेखक का अनुमति पत्र अनिवार्य है।

2. केवल प्रकाशित / पुस्तक-स्वरूप में प्रकाशित कृतियाँ ही पुरस्कार के लिए पात्र मानी जाएँगी।

3. प्रविष्टि के लिए प्रत्येक पुस्तक की चार प्रतियाँ आवश्यक होंगी।

4. अनूदित कृति पुरस्कार के अंतर्गत, पुरस्कार वर्ष से पूर्व के तीन वर्षों में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति ही उक्त पुरस्कार के लिए पात्र होगी। उदाहरण के लिए, 2025 के पुरस्कार चयन हेतु, केवल जनवरी 2022 और दिसंबर 2024 के बीच प्रकाशित पुस्तकों पर ही विचार किया जाएगा।

5. विभिन्न खंडों में विभाजित अपूर्ण कृतियाँ पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगी। सभी खंड दिए गए वर्ष में प्रकाशित होने चाहिए।

6. उत्तराखंड या अन्य राज्यों से पूर्व में पुरस्कार प्राप्त कर चुकी कृति को पुरस्कार के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

7. पुरस्कार के लिए प्रस्तुत पुस्तक का पाठ कम से कम 60 पृष्ठों का होना चाहिए।

उत्तराखंड नवोदित साहित्य उदीयमान सम्मान

यह पुरस्कार हिंदी, उर्दू, पंजाबी, कुमाउंनी, गढ़वाली और उत्तराखंड की अन्य बोलियों व उपबोलियों में उत्कृष्ट लेखन के लिए किसी नवोदित लेखक को दिया जाएगा। विषयवार पुरस्कारों के नाम इस प्रकार हैं:-

हिन्दी – चन्द्रकुंवर वर्त्याल पुरस्कार
कुमाउंनी – गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ पुरस्कार
गढ़वाली – विद्या सागर नौटियाल पुरस्कार
अन्य भाषा / बोली – इलाचन्द्र जोशी पुरस्कार

उत्तराखंड नवोदित साहित्य उदीयमान सम्मान के मानदंड इस प्रकार हैं:-

1. 40 वर्ष तक की आयु के लेखक, कवि और रचनाकार उत्तराखंड नवोदित साहित्य उदीयमान सम्मान के लिए पात्र होंगे।
2. लेखक को संस्थान को सर्वश्रेष्ठ पुस्तक प्रस्तुत करनी होगी; प्रत्येक पुस्तक की चार प्रतियां आवश्यक होंगी।
3. आयु की गणना 1 जुलाई, 2025 के आधार पर की जाएगी।
4. लेखक को आयु के प्रमाण के लिए आयु प्रमाण पत्र या 10वीं के प्रमाण-पत्र की प्रति संलग्न करनी अनिवार्य है।

See also: मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना उत्तराखंड, करें आवेदन

उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान हेतु निर्देश

1. सभी पुरस्कार राज्य-स्तरीय होंगे। केवल उत्तराखंड के स्थायी निवासी या 15 वर्षों से उत्तराखंड में निवास कर रहे लेखक ही इन पुरस्कारों के लिए पात्र होंगे। उन्हें उत्तराखंड में अपने जन्म / स्थायी निवास / 15 वर्षों से निरंतर निवास की पुष्टि करने वाला प्रमाण पत्र / शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।

केवल गढ़वाली, कुमाउंनी एवं अन्य बोलियों के पुरस्कार जैसे- उत्तराखण्ड दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन, (गुमानी पंत, भजन सिंह ‘सिंह’, गोविन्द चातक) उत्तराखण्ड मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार, (बहादुर बोरा, शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’, भवानीदत्त थपलियाल, कन्हैयालाल डंडरियाल) उत्तराखण्ड नवोदित साहित्य उदीयमान सम्मान (गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, विद्या सागर नौटियाल, इला चन्द्र जोशी) में उत्तराखंड एवं देश के अन्य भागों में रह रहे उत्तराखण्ड के साहित्यकारों के लिए जन्म एवं लगातार रहने की बाध्यता नहीं होगी, इन भाषा-बोली के साहित्यकारों के आवेदनों पर भी विचार किया जायेगा।

2. उत्तराखंड साहित्य भूषण एवं दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन पुरस्कारों के लिए, एक ही अनुशंसा प्रपत्र पर केवल एक लेखक की अनुशंसा की जाएगी।

3. नियत तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों / अनुशंसाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।

4. भाषा संस्थान के वर्तमान पदाधिकारी, साधारण सभा, प्रबंध कार्यकारिणी समिति और पुरस्कार समिति के सदस्य इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं होंगे।

5. पुरस्कार के लिए चयनित किसी पुस्तक के संबंध में किसी भी साहित्यिक चोरी/कानूनी मामले के उत्पन्न होने की स्थिति में, संबंधित लेखक / रचनाकार जिम्मेदार होगा।

6. पुरस्कार योजना के अंतर्गत प्राप्त पुस्तकों / पत्रिकाओं की दो प्रतियाँ पुरस्कार की घोषणा के छह माह के भीतर भाषा संस्थान कार्यालय से वापस प्राप्त की जा सकती हैं। निर्धारित अवधि के बाद कोई भी पुस्तक वापस नहीं की जाएगी।

7. पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखक की किसी अन्य कृति या नाम पर अगले तीन वर्षों तक विचार नहीं किया जाएगा।

8. यदि प्रत्येक विधा / विषय में उपयुक्त प्रविष्टियाँ प्राप्त नहीं होती हैं, तो पुरस्कार प्रदान करने की कोई बाध्यता नहीं होगी।

9. यदि पुरस्कार के लिए चयनित लेखक की मृत्यु पुरस्कार प्रदान किए जाने से पहले हो जाती है, तो पुरस्कार उसके/उसकी पत्नी/पति या कानूनी उत्तराधिकारी को दिया जाएगा।

10. आवेदक द्वारा पुरस्कार या पुरस्कार चयन प्रक्रिया के संबंध में कोई पत्राचार नहीं किया जाएगा।

11. संस्थान किसी भी स्तर पर संपूर्ण पुरस्कार योजना को रद्द करने का अधिकार सुरक्षित रखता है; कोई भी अभ्यावेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुरस्कारों के संबंध में संस्थान का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

आवेदन पत्र डाउनलोड, तिथि और अधिसूचना

उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान के अंतर्गत उपरोक्त विभिन्न पुरस्कारों के लिए आवेदन / संस्तुतियाँ (पुस्तकों सहित) डाक द्वारा या व्यक्तिगत रूप से निदेशक, उत्तराखंड भाषा संस्थान, 461/1/1, चन्द्रलोक कालोनी, राजपुर रोड, देहरादून को पुरस्कार शीर्षक के साथ 3 दिसंबर, 2025 तक जमा करनी होंगी। समय सीमा के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

आवेदन फॉर्म / संस्तुति पत्र (अधिसूचना के साथ संलग्न) संस्थान की वेबसाइट ubs.uk.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है, जिसका सीधा लिंक नीचे दिया गया है। अधिक जानकारी संस्थान के दूरभाष क्रमांक 7830005969 पर कॉल करके या किसी भी कार्यदिवस में संस्थान के कार्यालय में आकर प्राप्त की जा सकती है।

अधिक जानकारी और आवेदन फॉर्म के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान (UBS) द्वारा जारी अधिसूचना पीडीऍफ़ देखें।

See also: तीलू रौतेली एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार योजना उत्तराखंड


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About the author: P Singh

P Singh is an experienced content writer, publisher, market researcher and web developer at Dyarakoti Media & Services and hails from Uttarakhand, India. He has a strong work background with over 12 years of experience. His interests range from education and awareness to writing, journalism and innovation.

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