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मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना उत्तराखंड – करें आवेदन

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना एक सशक्त महिला उद्यमी योजना है, जिसे उत्तराखंड सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य के सभी जनपदों में प्रारम्भ किया जा रहा है। यह योजना उत्तराखण्ड की एकल (निराश्रित) महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने तथा उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्रियान्वित की जा रही है। जिसके लिए पात्र महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में स्वरोजगार / व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। उत्तराखंड मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सामान्य दिशानिर्देश, अनिवार्य योग्यताएं, आवेदन पत्र का निर्धारित प्रारूप और अन्य विवरण नीचे दिए गए हैं।

Mukhyamantri Ekal Mahila Swarojgar Yojana Uttarakhand

यह योजना महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य की मूल / स्थायी एकल (निराश्रित) / परित्यक्ता / विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान / ग्राम / क्षेत्र में ही रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करने तथा उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए प्रारम्भ की जा रही है।

  • विभाग का नाम – महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड
  • योजना का नाम – मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना
  • योजना का उद्देश्य – योजना का मुख्य उद्देश्य एकल (निराश्रित) / परित्यक्ता / विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान / गाँव / क्षेत्र में ही रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करना, व उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार करना है।

उत्तराखण्ड राज्य की एकल (निराश्रित) महिलाओं से तात्पर्य ऐसी महिलाओं से है जो एकल (निराश्रित), अविवाहित (जो परिवार पर आश्रित न हो), विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, ट्रांसजेंडर, अपराध एवं एसिड हमले से पीड़ित एकल (निराश्रित) महिलाएं तथा ऐसी महिलाएं जिनके बच्चे नाबालिग / अविवाहित पुत्री हो, जो स्वयं एवं अवयस्क बच्चों के पालन-पोषण का दायित्व अकेले उठा रही हों तथा आर्थिक रूप से कमजोर हों।

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योजना के अंतर्गत पात्रता के मापदंड

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पात्रता मानदंड निम्नानुसार हैं:-

1. महिला उत्तराखण्ड की मूल / स्थायी निवासी होनी चाहिये।

2. एकल (निराश्रित) महिला की न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम 50 वर्ष होनी चाहिये।

3. एकल (निराश्रित) महिला, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमले से पीड़ित एकल (निराश्रित) महिलाएं व जिन महिलाओं के बच्चे अवयस्क / अविवाहित पुत्री हो, जो अकेले ही अपनी व अवयस्क बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी वहन कर रही हो व आर्थिक रूप से कमजोर हो।

4. समाज कल्याण विभाग द्वारा चयनित परित्यक्ता महिला पात्र होंगी, समाज कल्याण विभाग में परित्यक्ता के पंजीकृत न होने की दशा में ग्राम में प्रमाणपत्र ग्राम प्रधान द्वारा दिया जायेगा, तथा शहरी क्षेत्रों में प्रमाणपत्र निकाय अध्यक्ष द्वारा दिया जायेगा। अपने क्षेत्रान्तर्गत मा० विधायक एवं मा० सांसद महोदय द्वारा भी प्रमाणपत्र निर्गत किया जा सकेगा। ऐसे प्रमाणपत्र के साथ महिला द्वारा शपथ पत्र भी संलग्न करना अनिवार्य होगा।

5. कल्याणकारी योजनाओं से पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं-यथा विधवा, दिव्यांग, आदि महिलाएं।

6. एकल (निराश्रित) महिला की पारिवारिक आय रू० 72,000/- (रू० बहत्तर हजार मात्र) प्रति वर्ष।

7. किसी भी संगठित सेवा-सरकारी, गैर-सरकारी उपक्रम आदि में कार्यरत अथवा राजकीय / पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाली महिला योजना हेतु अपात्र होंगी।

8. राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अन्य रोजागार सम्बन्धी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने वाली महिलाएं इसकी पात्र नहीं होंगी।

9. पूर्व में किसी भी योजना की हितग्राही या वित्तीय संस्थान से डिफाल्टर महिला अपात्र होंगी।

10. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों के सापेक्ष ही चयनित एकल (निराश्रित) महिलाओं को योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।

11. योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के द्वारा किसी भी प्रकार का दोहरा लाभ समान गतिविधि हेतु नहीं लिया है, के सम्बन्ध में नोटराईज्ड स्वघोषणा प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा।

12. योजना का लाभ प्रदान किये जाने हेतु ‘पहले आओ पहले पाओ’ पद्धति के अनुसार पात्र महिला को लाभान्वित किया जायेगा तथा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नये आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे।

13. योजनान्तर्गत राज्य के समस्त जनपदों में पात्र महिला लाभार्थी को लाभान्वित किया जायेगा।

योजना के अंतर्गत चयनित व्यवसाय

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत महिलाओं को उनकी मांग एवं आवश्यकता के आधार पर किसी भी क्षेत्र में स्वरोजगार / व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

योजना में कृषि / बागवानी / पशुपालन / कुक्कुट पालन / भेड / बकरी / मत्स्य पालन / उद्यान / फल एवं खाद्य प्रसंस्करण / ब्यूटी पार्लर / बुटीक / रिपेयरिंग / आल्ट्रेशन / टेलरिंग / सौंदर्य प्रसाधन / जनरल स्टोर / जलपान / टिफिन सर्विस / कैन्टीन / कैटरिंग / प्लम्बर / इलैक्ट्रीशियन / डाटा एण्ट्री कार्य हेतु / कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग / टेली कॉलिंग / हिन्दी कॉल सेंटर एवं अन्य किसी भी प्रकार के निजी व्यवसायों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

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योजना के अंतर्गत परियोजना की लागत

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के अंतर्गत रोजगार सम्बन्धी प्रस्ताव हेतु अधिकतम धनराशि रू० 2.00 लाख तक के कार्य / परियोजना स्वीकृत किये जायेंगे अथवा योजनान्तर्गत रोजगार सब्सिडी दी जा सकेगी, जिसके अनुसार लाभार्थी द्वारा स्वयं के श्रोतों / लोन के रूप में ली गयी धनराशि के सापेक्ष 75 प्रतिशत अथवा रू० 1.50 लाख (जो भी अधिकतम हो) धनराशि की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।

1. योजना के अंतर्गत परियोजना हेतु महिला को विभागीय अनुदान धनराशि 75% देय होगी एवं महिला का स्वयं का अंशदान 25% अनिवार्य रूप से देय होगा।

2. 75% विभागीय अनुदान लाभार्थी महिला को 03 किश्तों में क्रमशः प्रथम किश्त 50%, द्वितीय किश्त 30% एवं तृतीय किश्त 20% के रूप में प्रदान की जायेगी एवं उसी के अनुरूप ही लाभार्थी महिला को अपना अंशदान जमा करना होगा।

3. प्रथम किश्त 50% विभागीय अनुदान की प्राप्ति के समय लाभार्थी महिला के द्वारा योजना के अंतर्गत खुलवाये गये बैंक खाते में अपना 25 प्रतिशत का अंशदान का 50 प्रतिशत अर्थात कुल धनराशि का 12.5% (स्वयं की बचत राशि, बैंक लोन या अन्य श्रोतों) से जमा कराया जाना अनिवार्य होगा।

4. लाभार्थी को अनुदान की प्रथम किश्त वितरण की तिथि से 06 माह के भीतर अपना स्वरोजगार प्रारम्भ किया जाना अनिवार्य होगा।

5. प्रथम किश्त वितरण की तिथि से छः माह के भीतर स्वरोजगार प्रारम्भ न किये जाने की दशा में दिये गये अनुदान / सब्सिडी की वसूली 01 प्रतिशत मासिक साधारण ब्याज की दर से की जाएगी। इसे भू-राजस्व के बकाये की वसूली प्रक्रिया द्वारा वसूला जायेगा।

स्वीकृत अनुदान की किश्तों की अदायगी

स्वीकृत परियोजना के तहत निम्न शर्तों (विभागीय अनुदान एवं लाभार्थी महिला के अंशदान हेतु) के अधीन अनुदान / सब्सिडी की धनराशि निम्नवत दी जायेगी:-

1. विभागीय अनुदान की प्रथम किश्त 50%: लाभार्थी महिला के द्वारा योजना के अंतर्गत खुलवाये गये बैंक खाते में अपने 25% अंशदान का 50% अर्थात 12.5% अंशदान जमा कराया जाना अनिवार्य होगा। तदोपरान्त ही प्रथम किश्त निर्गत की जायेगी।

2. विभागीय अनुदान की द्वितीय किश्त 30%: प्रथम किश्त निर्गत होने के अधिकतम 06 माह व इससे पूर्व जो भी समय/अवधि होगी, में लाभार्थी महिला के द्वारा विभागीय अनुदान एवं स्वयं का अंशदान से व्यवसाय प्रारम्भ किया जाना अनिवार्य होगा। साथ ही विभागीय अनुदान की द्वितीय किश्त की धनराशि निर्गत किये जाने से पूर्व लाभार्थी महिला को अपने अंशदान का 30% अंशदान खाते में जमा कराया जाना आवश्यक होगा।

3. विभागीय अनुदान की तृतीय किश्त 20%: द्वितीय किश्त निर्गत होने के पश्चात 03 माह के भीतर सफलतापूर्वक व्यवसाय का संचालन किया जा रहा है, का स्थलीय निरीक्षण एवं ऑडिट कराया जायेगा। स्थलीय निरीक्षण एवं ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर एवं लाभार्थी महिला के अंशदान की 20% धनराशि खाते में जमा कराये जाने पर विभागीय अनुदान की तृतीय किश्त निर्गत की जायेगी।

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के अंर्तगत उपरोक्त में उल्लेखित उद्देश्यों के संचालन हेतु लाभार्थी एवं परियोजना (व्यवसाय) गतिविधियों के चयन हेतु जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर समितियों का गठन कर लाभार्थियों एवं व्यवसाय का चयन किया जायेगा।

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आवेदन प्रारूप, विज्ञप्ति एवं फॉर्म डाउनलोड

योजना से सम्बन्धित आवेदन फॉर्म (वित्तीय वर्ष 2025-2026 हेतु) दिनांक 31 जुलाई 2025 सांय 5.00 बजे तक जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के द्वारा केवल पंजीकृत डाक के माध्यम से ही स्वीकार किये जायेंगे। प्रस्ताव चयन / निरस्तीकरण से सम्बन्धित समस्त अधिकार निदेशक, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड के पास नियत रहेंगे। उक्त तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।

उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना हेतु आवेदन का निर्धारित प्रारूप नीचे देखें, साथ ही आप विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये आवेदन पत्र या रजिस्ट्रेशन फॉर्म (विज्ञप्ति के साथ संलग्न अथवा पृथक से) को नीचे दिये गये डायरेक्ट लिंक के माध्यम से पीडीएफ प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं।

एकल महिला स्वरोजगार योजना हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप:-

1. महिला का नाम : …….. (स्वप्रमाणित नवीन पासपोर्ट साइज फोटो सहित)

2. पिता/पति का नाम : …….

3. माता का नाम : ……….

4. स्थायी / मूल निवास प्रमाण पत्र (प्रति संलग्न करें) : ………

5. स्थायी निवास (ग्राम/वार्ड का नाम) : ……..

6. आधार कार्ड संख्या : ……….

7. जन्म तिथि (प्रमाण की प्रति संलग्न करें) : ……….

8. वर्ग/श्रेणी {एकल (निराश्रित) महिला, विधवा, परित्यक्त्ता, तलाकशुदा, ट्रांसजेंडर, अपराध एवं एसिड हमले से पीड़ित एकल (निराश्रित) महिलाएं व जिन महिलाओं के बच्चे अवयस्क / अविवाहित पुत्री हो, जो अकेले ही अपनी व अवयस्क बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी वहन कर रही हो व आर्थिक रूप से कमजोर हो} इसमे जिस वर्ग में हों का उल्लेख करें : ………

9. वर्ग/ श्रेणी (सम्बन्धित प्रमाण की प्रति संलग्न करें) : ………..

10. पेंशन प्रमाण (विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग आदि) : …………

11. पारिवारिक आयः (प्रति संलग्न करें) : ………..

12. चयनित व्यवसाय का नाम : ……….
(योजना में कृषि / बागवानी / पशुपालन / कुक्कुट पालन/ भेड / बकरी / मत्स्य पालन / उद्यान / फल एवं खाद्य प्रसंस्करण / ब्यूटी पार्लर / बुटीक / रिपेयरिंग / आल्ट्रेशन / टेलरिंग / सौंदर्य प्रसाधन / जनरल स्टोर / जलपान / टिफिन सर्विस / कैंन्टीन / कैटरिंग / प्लम्बर / इलैक्ट्रीशियन / डाटा एण्ट्री कार्य हेतु / कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग / टेली कॉलिंग / हिन्दी कॉल सेंटर एवं अन्य इसी प्रकार के निजी व्यवसायों को भी सम्मिलित किया जा सकता है)

13. चयनित व्यवसाय हेतु पूर्व में किसी अन्य विभाग से धनराशि प्राप्त है या नहीं : ………

14. इस सम्बन्ध में दोहरा लाभ सम्बन्धी नोटराईज्ड स्वधोषणा प्रमाण पत्र संलग्न है या नहीं : ………

15. चयनित व्यवसाय से सम्बन्धित प्रशिक्षण / अनुभव प्राप्त है या नहीं : ……….

16. योजना की प्रस्तावित कुल लागत / धनराशि रू० : ……….

17. योजना के तहत् सहयोग धनराशि की मांग (अधिकतम 1.5 लाख) : ………

18. लाभार्थी द्वारा देय 25% का माध्यम (लोन अथवा निजी श्रोतों से) : ……….

प्रमाणित किया जाता है कि मेरे द्वारा उपरोक्त में दी गई समस्त सूचना एवं संलग्न दस्तावेज सत्य और सही है यदि उपरोक्त से सम्बन्धित जानकारी गलत पायी जाती है तो मेरा आवेदन निरस्त किया जा सकता है। जिसके लिये मैं स्वयं जिम्मेदार रहूंगी।

नाम …………
हस्ताक्षर …………

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना से सम्बन्धित किसी भी अन्य जानकारी के लिये जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय / बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय से भी सम्पर्क किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 16 जून, 2025 को जारी विज्ञप्ति (पत्रांकः 289/ 249/ UWCDS/ 2025-26) देखें अथवा आधिकारिक वेबसाइट (wecduk.in) पर जाएं।

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About the author: P Singh

P Singh is an experienced content writer, publisher, market researcher and web developer at Dyarakoti Media & Services and hails from Uttarakhand, India. He has a strong work background with over 12 years of experience. His interests range from education and awareness to writing, journalism and innovation.

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